हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ 2020
कई लोगों के मन में आज भी यह सवाल उत्पन्न होता है कि हिंदी तो सिर्फ एक भाषा है तो उसका एक दिन कैसे हो सकता है। आइए इसी प्रकार के प्रश्नों का समाधान करने के लिए हिंदी दिवस के बारे में जानते हैं।
हिंदी दिवस का इतिहास
सन 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन के समय गांधी जी ने हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने को कहा था। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने विचार-विमर्श करके यह निर्णय लिया कि हिंदी, भारत की राजभाषा होगी तथा हिंदी को हर राज्य में प्रसारित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया जाएगा।
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को यह एहसास कराना है कि जब तक वे पूर्ण तरह से हिंदी भाषा का उपयोग नहीं करेंगे तब तक हिंदी भाषा का विकास नहीं हो सकता है। इस दिन सभी दफ्तरों में हिंदी भाषा का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति पूरे साल हिंदी में उचित विकास कार्य करता है और अपने कार्यों में हिंदी का उचित तरह से उपयोग करता है उसे इस दिन पुरस्कृत किया जाता है।
इस दिन कौन से कार्यक्रम होते हैं?
हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन, छात्रों को दैनिक रूप से हिंदी का उपयोग करने और हिंदी का सम्मान करने आदि की शिक्षा दी जाती है। जिसमें वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन आदि शामिल हैं। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर लोगों को हिंदी भाषा के प्रति प्रेरित करने के लिए भाषा सम्मान की शुरुआत की गई है। यह सम्मान हर साल देश के ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा जिसने हिंदी भाषा के उपयोग और उत्थान में विशेष योगदान दिया है। भाषा सम्मान के रूप में एक लाख एक हज़ार रुपये दिए जाते हैं।
हिंदी का उपयोग कहाँ कहाँ किया जाता है?
हिंदी भाषा का उपयोग भारत के साथ साथ नेपाल, मॉरिशस, अमेरिका, सूरीनाम, युगांडा सहित कई देशों में किया जाता है। नेपाल में करीब 80 लाख हिंदी भाषा का उपयोग करने वाले लोग रहते हैं। साथ ही अमेरिका में हिंदी भाषा का उपयोग करने वाले करीब साढ़े छह लाख लोग हैं।
हिंदी भाषा की सीमा
बोलने वालों की गणना के अनुसार, अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद पूरे विश्व भर में हिंदी तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। लेकिन उसे ठीक तरह से पढ़ने, समझने और लिखने वालों की संख्या बहुत कम है। हिंदी भाषा पर अंग्रेजी शब्दों का भी बहुत अधिक प्रभाव हुआ है जिसके कारण कई हिंदी शब्दों की जगह अंग्रेजी के शब्दों ने ली ली है। इसके कारण भविष्य में हिंदी भाषा के विलुप्त होने की संभावना बढ़ गई है। इसलिए जो लोग हिंदी भाषा का ज्ञान रखते हैं उन्हें हिंदी भाषा के प्रति उनका कर्तव्य याद दिलाने के लिए यह दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।